
कलेक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक
राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश
📝🎯खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने 16 मई को जिले के सभी राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती हेमलता सोलंकी, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अभिलेखों का नियमों के अनुसार संधारण करें। राजस्व बोर्ड के अधिकारियों द्वारा हर माह जिले के किसी भी तहसील कोर्ट या नायब तहसीलदार कोर्ट का निरीक्षण किया जाएगा। कुछ दिन पहले ही बड़वाह में राजस्व बोर्ड के अधिकारियों द्वारा तहसील कोर्ट का निरीक्षण किया गया है। कलेक्टर द्वारा एसडीएम कोर्ट का निरीक्षण किया जाएगा। जबकि संयुक्त कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर द्वारा तहसील कोर्ट एवं नायब तहसीलदार कोर्ट का निरीक्षण कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रगति देखी जाएगी।
बैठक में सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गए कि दायरा पंजी का उचित संधारण करें। दायरा पंजी का संधारण नहीं पाये जाने पर जिम्मेदार कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी गई। इस दौरान निर्देशित किया गया कि कोर्ट के निरीक्षण के दौरान राजस्व प्रकरणों की गुणवत्ता भी देखी जाए। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज बटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कहा कि ऐसे प्रकरणों में राजस्व अधिकारी पेशी के लिए 01-01 माह की लंबी तारीख दे रहे हैं। ऐसा कतई नहीं चलेगा, इससे प्रकरण के निराकरण में अनावश्यक विलंब हो रहा है। उन्होंने आरसीएमएस के प्रकरणों के संधारण के लिए तहसील कार्यालय के रीडरों को ई-दक्ष केन्द्र में प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बैठक में कहा कि नामांतरण के प्रकरण में तहसील कोर्ट का आदेश होने पर 01 सप्ताह के भीतर उस पर अमल हो जाना चाहिए और इसके साथ ही नक्शा बटांकन हो जाना चाहिए। यदि 01 सप्ताह में आदेश पर अमल नहीं किया जाएगा और नक्शा बटांकन नहीं होगा तो पटवारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही कर उसके विरूद्ध विभागीय जांच शुरू की जाएगी। नामांतरण के प्रकरणों में पटवारी के प्रतिवेदन के साथ ही नक्शा भी आना चाहिए। तहसील कोर्ट के निरीक्षण के दौरान निरीक्षणकर्ता अधिकारी को इस बात पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। कॉलोनी के प्रकरण में भी नक्शा बटांकन होना चाहिए।
बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि साइबर तहसील के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों को निरस्त न किया जाए। क्योंकि इन प्रकरणों को निरस्त नहीं किया जा सकता है। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिक्रमण हटाने से संबंधित प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाए। जिले में कहीं से भी अतिक्रमण न हटाये जाने संबंधी शिकायत कलेक्टर कार्यालय तक नहीं आना चाहिए। बैठक में निर्देशित किया गया कि फार्मर रजिस्ट्री का कार्य तेजी से पूर्ण किया जाए। जमीन के जितने खातेदार हैं, उन सभी की फार्मर आईडी बनाना अनिवार्य है।